हवा हवा, ऐ हवा, ख़ुशबू लुटा दे...
Description
आलेख : सुजॉय चटर्जी
वाचन : मातृका
प्रस्तुति : संज्ञा टंडन
नमस्कार दोस्तों, ’एक गीत सौ अफ़साने’ की एक और कड़ी के साथ हम फिर हाज़िर हैं। फ़िल्म और ग़ैर-फ़िल्म-संगीत की रचना प्रक्रिया और उनके विभिन्न पहलुओं से सम्बन्धित रोचक प्रसंगों, दिलचस्प क़िस्सों और यादगार घटनाओं को समेटता है ’रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ का यह साप्ताहिक स्तम्भ। विश्वसनीय सूत्रों से प्राप्त जानकारियों और हमारे शोधकार्ताओं के निरन्तर खोज-बीन से इकट्ठा किए तथ्यों से परिपूर्ण है ’एक गीत सौ अफ़साने’ की यह श्रॄंखला। दोस्तों, आज के अंक के लिए हमने चुना है साल 1987 का मशहूर पॉप गीत - "हवा हवा, ऐ हवा, ख़ुशबू लुटा दे"। हसन जहांगीर की आवाज़, मुहम्मद नासिर के बोल, और हसन जहांगीर का संगीत। किस मूल गीत के आधार पर हसन जहांगीर ने रच डाला "हवा हवा" का इतिहास? हिन्दी फ़िल्म जगत में इस गीत की धुन पर कौन कौन से गीत बने? फ़िल्म ’बिल्लू बादशाह’ में गोविन्दा से ही यह गीत क्यों गवाया गया? ’चालीस चौरासी’ फ़िल्म में जब इस गीत को जगह दी गई तब हसन जहांगीर का इस बारे में क्या कहना था? हाल की किस फ़िल्म में फिर एक बार "हवा हवा" की गूंज सुनाई दी है? ये सब, आज के इस अंक में।
परिकल्पना : सजीव सारथी
आलेख : सुजॉय चटर्जी
स्वर : मातृका
प्रस्तुति : संज्ञा टंडन
नमस्कार दोस्तों, ’एक गीत सौ अफ़साने’ की एक और कड़ी के साथ हम फिर हाज़िर हैं। फ़िल्म और ग़ैर-फ़िल्म-संगीत की रचना प्रक्रिया और उनके विभिन्न पहलुओं से सम्बन्धित रोचक प्रसंगों, दिलचस्प क़िस्सों और यादगार घटनाओं
को समेटता...
Published 06/04/24
परिकल्पना : सजीव सारथी
आलेख : सुजॉय चटर्जी
स्वर : रचिता देशपांडे
प्रस्तुति : संज्ञा टंडन
नमस्कार दोस्तों, ’एक गीत सौ अफ़साने’ की एक और कड़ी के साथ हम फिर हाज़िर हैं। फ़िल्म और ग़ैर-फ़िल्म-संगीत की रचना प्रक्रिया और उनके विभिन्न पहलुओं से सम्बन्धित रोचक प्रसंगों, दिलचस्प क़िस्सों और यादगार घटनाओं
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Published 05/29/24