रूप तेरा ते मस्ताना, प्यार मेरा दीवाना...
Description
आलेख : सुजॉय चटर्जी।।
वाचन : रीतेश खरे ।।
प्रस्तुति : संज्ञा टंडन।।
नमस्कार दोस्तों,
’एक गीत सौ अफ़साने’ की एक और कड़ी के साथ हम फिर हाज़िर हैं। फ़िल्म और ग़ैर-फ़िल्म-संगीत की रचना प्रक्रिया और उनके विभिन्न पहलुओं से सम्बन्धित रोचक प्रसंगों, दिलचस्प क़िस्सों और यादगार घटनाओं को समेटता है ’रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ का यह साप्ताहिक स्तम्भ।
विश्वसनीय सूत्रों से प्राप्त जानकारियों और हमारे शोधकार्ताओं के निरन्तर खोज-बीन से इकट्ठा किए तथ्यों से परिपूर्ण है ’एक गीत सौ अफ़साने’ की यह श्रॄंखला। दोस्तों, आज के अंक के लिए हमने चुना है साल 1969 की फ़िल्म ’आराधना’ का गीत - "रूप तेरा मस्ताना, प्यार मेरा दीवाना"। किशोर कुमार की आवाज़, आनन्द बक्शी के बोल, और सचिन देव बर्मन का संगीत। इस फ़िल्म में नायक के प्लेबैक के लिए किशोर कुमार और मोहम्मद रफ़ी, दोनों की आवाज़ क्यों ली गई? इसके पीछे जो दो मत सुनने को मिलते हैं, उनमें क्या वैषम्य है? इस गीत की धुन में किशोर कुमार ने फेर बदल क्यों किया? इस गीत के फ़िल्मांकन की कौन सी विशेषता रही? इस गीत के उस साल कौन सा पुरस्कार मिला? ये सब, आज के इस अंक में।
परिकल्पना : सजीव सारथी
आलेख : सुजॉय चटर्जी
स्वर : मातृका
प्रस्तुति : संज्ञा टंडन
नमस्कार दोस्तों, ’एक गीत सौ अफ़साने’ की एक और कड़ी के साथ हम फिर हाज़िर हैं। फ़िल्म और ग़ैर-फ़िल्म-संगीत की रचना प्रक्रिया और उनके विभिन्न पहलुओं से सम्बन्धित रोचक प्रसंगों, दिलचस्प क़िस्सों और यादगार घटनाओं
को समेटता...
Published 06/04/24
परिकल्पना : सजीव सारथी
आलेख : सुजॉय चटर्जी
स्वर : रचिता देशपांडे
प्रस्तुति : संज्ञा टंडन
नमस्कार दोस्तों, ’एक गीत सौ अफ़साने’ की एक और कड़ी के साथ हम फिर हाज़िर हैं। फ़िल्म और ग़ैर-फ़िल्म-संगीत की रचना प्रक्रिया और उनके विभिन्न पहलुओं से सम्बन्धित रोचक प्रसंगों, दिलचस्प क़िस्सों और यादगार घटनाओं
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Published 05/29/24