पल पल है भारी वो विपता है आयी...
Description
आलेख : सुजॉय चटर्जी
वाचन : प्रवीणा त्रिपाठी
प्रस्तुति : संज्ञा टंडन
नमस्कार दोस्तों, ’एक गीत सौ अफ़साने’ की एक और कड़ी के साथ हम फिर हाज़िर हैं। फ़िल्म और ग़ैर-फ़िल्म-संगीत की रचना प्रक्रिया और उनके विभिन्न पहलुओं से सम्बन्धित रोचक प्रसंगों, दिलचप क़िस्सों और यादगार घटनाओं को समेटता है ’रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ का यह साप्ताहिक स्तम्भ। विश्वसनीय सूत्रों से प्राप्त जानकारियों और हमारे शोधकार्ताओं के निरन्तर खोज-बीन से इकट्ठा किए तथ्यों से परिपूर्ण है ’एक गीत सौ अफ़साने’ की यह श्रॄंखला।
दोस्तों, आज के अंक के लिए हमने चुना है साल 2004 की फ़िल्म ’स्वदेस’ का गीत - "पल पल है भारी वो विपता है आयी"। मधुश्री, विजय प्रकाश, आशुतोष गोवारिकर और साथियों की आवाज़ें, जावेद अख़तर के बोल, और ए. आर. रहमान का संगीत। अशोक वाटिका में सीता माता और लंकापति रावण के बीच संवाद से लेकर रावण वध तक के प्रसंग को किन-किन रागों के माध्यम से साकार किया है ए. आर. रहमान ने? सात मिनटों के इस गीत की अवधि में जावेद अख़तर ने कैसे इसे अपनी लेखन की धार से अत्यन्त प्रभावशाली बना दिया है? इस गीत के विस्तृत विश्लेषण के साथ-साथ जानिये हिन्दी सिनेमा के इतिहास के पन्नों से रामायण पर बनने वाली कुछ महत्वपूर्ण फ़िल्मों के बारे में भी। यह गीत हमें फ़िल्म ’बैजु बावरा’ की याद क्यों दिला जाती है? ये सब
आज के इस अंक में।
परिकल्पना : सजीव सारथी
आलेख : सुजॉय चटर्जी
स्वर : मातृका
प्रस्तुति : संज्ञा टंडन
नमस्कार दोस्तों, ’एक गीत सौ अफ़साने’ की एक और कड़ी के साथ हम फिर हाज़िर हैं। फ़िल्म और ग़ैर-फ़िल्म-संगीत की रचना प्रक्रिया और उनके विभिन्न पहलुओं से सम्बन्धित रोचक प्रसंगों, दिलचस्प क़िस्सों और यादगार घटनाओं
को समेटता...
Published 06/04/24
परिकल्पना : सजीव सारथी
आलेख : सुजॉय चटर्जी
स्वर : रचिता देशपांडे
प्रस्तुति : संज्ञा टंडन
नमस्कार दोस्तों, ’एक गीत सौ अफ़साने’ की एक और कड़ी के साथ हम फिर हाज़िर हैं। फ़िल्म और ग़ैर-फ़िल्म-संगीत की रचना प्रक्रिया और उनके विभिन्न पहलुओं से सम्बन्धित रोचक प्रसंगों, दिलचस्प क़िस्सों और यादगार घटनाओं
को...
Published 05/29/24