तू जो मेरे सुर में सुर मिला ले...
Listen now
Description
आलेख : सुजॉय चटर्जी प्रस्तुति : संज्ञा टंडन नमस्कार दोस्तों, ’एक गीत सौ अफ़साने’ की एक और कड़ी के साथ हम फिर हाज़िर हैं। फ़िल्म और ग़ैर-फ़िल्म-संगीत की रचना प्रक्रिया और उनके विभिन्न पहलुओं से सम्बन्धित रोचक प्रसंगों, दिलचस्प क़िस्सों और यादगार घटनाओं को समेटता है ’रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ का यह साप्ताहिक स्तम्भ। विश्वसनीय सूत्रों से प्राप्त जानकारियों और हमारे शोधकार्ताओं के निरन्तर खोज-बीन से इकट्ठा किए तथ्यों से परिपूर्ण है ’एक गीत सौ अफ़साने’ की यह श्रॄंखला। दोस्तों, आज के अंक के लिए हमने चुना है साल 1976 की फ़िल्म ’चितचोर’ का गीत - "तू जो मेरे सुर में सुर मिला ले"। येसुदास और हेमलता की आवाज़ें, गीत और संगीत रवीन्द्र जैन के। कैसे जुड़े रवीन्द्र जैन, येसुदास और हेमलता फ़िल्म ’चितचोर’ से? येसुदास को राजश्री की दहलीज़ तक पहुंचाने में संगीतकार सलिल चौधरी का क्या योगदान था? रवीन्द्र जैन ने येसुदास की शान में एक बहुत बड़ी बात कह दी थी, वह बात कौन सी थी? रवीन्द्र जैन, संगीतकार बनने से पहले ही हेमलता से सौ-डेढ़ सौ गीत गवा चुके थे, इसका क्या राज़ है? प्रस्तुत गीत की रेकॉर्डिंग लाजवाब होने के बावजूद हेमलता दिन भर क्यों रोयीं? ये सब आज के इस अंक में।
More Episodes
Published 06/04/24
परिकल्पना : सजीव सारथी आलेख : सुजॉय चटर्जी स्वर : मातृका प्रस्तुति : संज्ञा टंडन नमस्कार दोस्तों, ’एक गीत सौ अफ़साने’ की एक और कड़ी के साथ हम फिर हाज़िर हैं। फ़िल्म और ग़ैर-फ़िल्म-संगीत की रचना प्रक्रिया और उनके विभिन्न पहलुओं से सम्बन्धित रोचक प्रसंगों, दिलचस्प क़िस्सों और यादगार घटनाओं को समेटता...
Published 06/04/24
परिकल्पना : सजीव सारथी आलेख : सुजॉय चटर्जी स्वर : रचिता देशपांडे प्रस्तुति : संज्ञा टंडन नमस्कार दोस्तों, ’एक गीत सौ अफ़साने’ की एक और कड़ी के साथ हम फिर हाज़िर हैं। फ़िल्म और ग़ैर-फ़िल्म-संगीत की रचना प्रक्रिया और उनके विभिन्न पहलुओं से सम्बन्धित रोचक प्रसंगों, दिलचस्प क़िस्सों और यादगार घटनाओं को...
Published 05/29/24