मोरा पिया बुलावे आधी रात को...
Listen now
Description
आलेख : सुजॉय चटर्जी वाचन : शुभ्रा ठाकुर प्रस्तुति : संज्ञा टंडन नमस्कार दोस्तों, ’एक गीत सौ अफ़साने’ की एक और कड़ी के साथ हम फिर हाज़िर हैं। फ़िल्म और ग़ैर-फ़िल्म-संगीत की रचना प्रक्रिया और उनके विभिन्न पहलुओं से सम्बन्धित रोचक प्रसंगों, दिलचस्प क़िस्सों और यादगार घटनाओं को समेटता है ’रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ का यह साप्ताहिक स्तम्भ। विश्वसनीय सूत्रों से प्राप्त जानकारियों और हमारे शोधकर्ताओं के निरन्तर खोज-बीन से इकट्ठा किए तथ्यों से परिपूर्ण है ’एक गीत सौ अफ़साने’ की यह श्रॄंखला। दोस्तों, आज के अंक के लिए हमने चुनी है साल 1922 में ग्रामोफ़ोन कंपनी लिमिटेड के रेकॉर्ड पर जारी मलका जान आगरेवाली की गायी हुई राग मिश्र देश आधारित ठुमरी, जिसके बोल हैं "मोरा पिया बुलावे आधी रात को, नदिया बैरी भई"। क्या हैं इस ठुमरी की विशेषतायें? ठुमरी गायन में मलका जान आगरेवाली कौन सा परिवर्तन लेकर आयीं? ग्रामोफ़ोन कंपनी ने सबसे पहले उनसे और कलकत्ते के पियारा साहिब से एक परम्परा की शुरुआत की थी। कौन सी थी वह परम्परा? भारतीय रेकॉर्डेड संगीत इतिहास के प्रथम पीढ़ी की मशहूर गायिका मलका जान आगरेवाली के जीवन और संगीत सफ़र की जो भी थोड़ी-बहुत विश्वसनीय जानकारी उपलब्ध है, उसी को हमने आज के इस अंक में समेटने की कोशिश की है।
More Episodes
Published 06/04/24
परिकल्पना : सजीव सारथी आलेख : सुजॉय चटर्जी स्वर : मातृका प्रस्तुति : संज्ञा टंडन नमस्कार दोस्तों, ’एक गीत सौ अफ़साने’ की एक और कड़ी के साथ हम फिर हाज़िर हैं। फ़िल्म और ग़ैर-फ़िल्म-संगीत की रचना प्रक्रिया और उनके विभिन्न पहलुओं से सम्बन्धित रोचक प्रसंगों, दिलचस्प क़िस्सों और यादगार घटनाओं को समेटता...
Published 06/04/24
परिकल्पना : सजीव सारथी आलेख : सुजॉय चटर्जी स्वर : रचिता देशपांडे प्रस्तुति : संज्ञा टंडन नमस्कार दोस्तों, ’एक गीत सौ अफ़साने’ की एक और कड़ी के साथ हम फिर हाज़िर हैं। फ़िल्म और ग़ैर-फ़िल्म-संगीत की रचना प्रक्रिया और उनके विभिन्न पहलुओं से सम्बन्धित रोचक प्रसंगों, दिलचस्प क़िस्सों और यादगार घटनाओं को...
Published 05/29/24