शकील बदायूंनी के लिखे तीन होली गीत
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Description
परिकल्पना : सजीव सारथी आलेख : सुजॉय चटर्जी प्रस्तुति : संज्ञा टंडन नमस्कार दोस्तों, ’एक गीत सौ अफ़साने’ की एक और कड़ी के साथ हम फिर हाज़िर हैं। फ़िल्म और ग़ैर-फ़िल्म-संगीत की रचना प्रक्रिया और उनके विभिन्न पहलुओं से सम्बन्धित रोचक प्रसंगों, दिलचस्प क़िस्सों और यादगार घटनाओं को समेटता है ’रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ का यह साप्ताहिक स्तम्भ। विश्वसनीय सूत्रों से प्राप्त जानकारियों और हमारे शोधकर्ताओं के निरन्तर खोज-बीन से इकट्ठा किए तथ्यों से परिपूर्ण है ’एक गीत सौ अफ़साने’ की यह श्रॄंखला। दोस्तों, आज का अंक ख़ास है। ख़ास इसलिए कि यह सप्ताह होली त्योहार का सप्ताह है। और जब बात होली की चलती है, तब बात आती है हुड़दंग की, एक दूसरे पर रंग डालने की, जी भर के झूमने-गाने और ख़ुशियाँ मनाने की। और इन पहलुओं और भावनाओं को साकार करने में हमारी फ़िल्मी गीतों का ख़ास योगदान रहा है। बोलती फ़िल्मों के शुरुआती दौर से ही फ़िल्मी होली गीतों की अपनी अलग जगह रही है, अपना अलग पहचान रहा है। और होली गीतों के इस इतिहास को ’एक गीत सौ अफ़साने’ की एक कड़ी में समेटना असम्भव है। इसलिए आज के इस विशेषांक के लिए हम फ़िल्मी होली गीतों के समुन्दर में से चुन लाये हैं केवल एक ही गीतकार, शकील बदायूंनी के लिखे तीन बेहतरीन होली गीतों से सम्बन्धित कुछ बातें।
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Published 06/04/24
परिकल्पना : सजीव सारथी आलेख : सुजॉय चटर्जी स्वर : मातृका प्रस्तुति : संज्ञा टंडन नमस्कार दोस्तों, ’एक गीत सौ अफ़साने’ की एक और कड़ी के साथ हम फिर हाज़िर हैं। फ़िल्म और ग़ैर-फ़िल्म-संगीत की रचना प्रक्रिया और उनके विभिन्न पहलुओं से सम्बन्धित रोचक प्रसंगों, दिलचस्प क़िस्सों और यादगार घटनाओं को समेटता...
Published 06/04/24
परिकल्पना : सजीव सारथी आलेख : सुजॉय चटर्जी स्वर : रचिता देशपांडे प्रस्तुति : संज्ञा टंडन नमस्कार दोस्तों, ’एक गीत सौ अफ़साने’ की एक और कड़ी के साथ हम फिर हाज़िर हैं। फ़िल्म और ग़ैर-फ़िल्म-संगीत की रचना प्रक्रिया और उनके विभिन्न पहलुओं से सम्बन्धित रोचक प्रसंगों, दिलचस्प क़िस्सों और यादगार घटनाओं को...
Published 05/29/24