Exclusive : मैंने अपना सारा गुस्सा अज्जी के किरदार में डाल दिया
Listen now
Description
जोरम और अज्जी जैसी विचारुत्तेजक फिल्में बना चुके देवाशीष मखीजा ने शुरुआत अनुराग कश्यप के साथ ब्लैक फ्राइडे से की थी, जिसके बाद उनकी एक के बाद एक 18 फिल्में शुरू होने के बाद बंद होती चली गई। 18 फिल्मों के रिजेक्शन का सारा गुस्सा, सारा आक्रोश उन्होंने अज्जी के किरदार में घोल दिया था जैसे।   अज्जी कहानी है एक बड़े शहर में समाज के सबसे छोटे पायदान पर रहने वाली एक 80 साल की दादी की जिसकी 10 साल की पोती के साथ दुष्कर्म होता है और जब कहीं कोई सुनवाई नहीं होती तब अज्जी खुद कानून अपने हाथों में लेकर, इंसाफ करने निकल पड़ती है। फिल्म अपने execution में बहुत वॉयलेंट और ब्रूटल है। लेकिन किरदार के इस अक्रोश में शामिल है एक कलाकार की पीड़ा, दर्द, अपमान, निराशा और गुस्सा भी। कहीं न कहीं इन्हीं सब भावों का मिश्रण हम देवाशीष की लघु फिल्म तांडव में मनोज बाजपेई के तांडव रूपी नृत्य में भी देखते हैं।    लीजिए सुनिए क्यों देवाशीष अपनी इस फिल्म को साइड इफेक्ट्स ऑफ Vigilante justice मानते हैं।   #joram #tandav #JORAMMovie #devashishmakhija #manojbajpayee #ajji #SushamaDeshpande #AbhishekBanerjee #anger #frasturation #blackfriday #sajeevsarathie    https://www.facebook.com/share/v/a4CeLaP6dDpBEyGL/?mibextid=oFDknk
More Episodes
यूं तो वेब सीरीज की दुनिया में LGBTQ समुदाय के लिए एक विशेष स्थान देखा जा सकता है पर मर्डर इन माहिम एक ऐसी सिरीज़ है जिसकी मूल कहानी ही इसी समुदाय के इर्द गिर्द बुनी गई है। दरअसल जब तक समलौगिक यौनाचार को न्याय की नज़र में अपराध माना जाता था तब तक उन लोगों के लिए जो इस प्रवृत्ति के होने के बावजूद...
Published 05/15/24
Published 05/15/24
अंग्रेजों के दौर का लाहौर शहर जहां का रेड लाइट एरिया था हीरामंडी, वो बदनाम गलियां जहां शहर के तमाम नवाबों की शामें गुजरती हैं, जहां खुद नवाबों की माएं बहनें और बीबीयां उन्हें भेजती है ताकि औरतों के साथ रहन सहन के तौर सलीकें वो सीख सकें। जहां नवाब नई तवायफों की आमद पर पुरानी को छोड़ देते हैं तो...
Published 05/11/24