Description
वशीकरण का मकड़जाल ....
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इंसान की कमज़ोरी यही है जब पैसा नहीं होता तो भिखारियों की तरह भगवान से पैसे मांगता रहता है, और जब पैसा आ जाता है तो वो पैसे को ही अपना भगवान बना लेता है।
शैतान गुजराती फिल्म वश का रीमेक है, मेकर्स ने चतुराई दिखाते हुए ओरिजनल को ओटीटी से हटा दिया ताकि एक बड़ा दर्शक समूह इसे देखने से वचिंत रहे और हिंदी संस्करण को बेहतर एंजॉय कर पाए। इसका फायदा निश्चित ही फिल्म को मिलेगा। कहानी और कांसेप्ट तो ब्रिलियंट था ही तभी रीमेक प्लान हुआ, कहानी में नयापन है तो स्क्रीनप्ले भी एकदम कसा हुआ है और हर पल आप उत्सुक रहते हैं ये जानने के लिए कि आगे क्या होगा। उपर से फिल्म की लेंथ जो मात्र 2 घंटे की है इसे कहीं भी उबाऊ नहीं होने देती।
फिल्म में प्रमुख रूप से बस 5 ही किरदार हैं और फिल्म की सफलता यही है कि इन सभी किरदारों के लिए जिन कलाकारों को चुना गया है उन सबने अपने अपने रोल को बखूबी अंजाम दिया है। माधवन की संवाद अदायगी, हाव भाव, बॉडी लैंग्वेज इतने कातिलाना हैं कि आपको उनसे नफरत हो जाए तो वहीं ज्योतिका ने एक मां के भय, उसकी असहायता, उसके गुस्से को एकदम भरपूर जिया है।
अच्छी बात ये है की अजय देवगन हीरो वाले अंदाज में कम एक पिता या फैमली मैन के रूप में ज्यादा नजर आए हैं। उनकी बेबसी वाले एक्सप्रेशंस उनकी काबिलियत दिखाते हैं, पर फिर भी उन्हें देखते हुए कहीं कहीं रह रहकर आपको दृश्यम भी याद आती रहेगी, जो एक अच्छा साइन नहीं है । दोनों बच्चों का काम लाजवाब है। मूल वश के मुकाबले थोड़ी कमतर होने के बावजूद शैतान एक अच्छी वन टाइम वॉच है।
शैतान को आप अपने नजदीकी सिनेमा घरों में देख सकते हैं।
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Published 05/11/24