Mere Satguru teri naukri
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मेरी तनख्वाह भी कुछ कम नहीं . . .जो बात दवा से हो न सके  वो बात दुआ से होती है, जब काबिल मुर्शीद मिलता है तो बात खुदा से होती है। 
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Published 07/24/21
लाख पढ़ लो किताबें नहीं कुछ असर,जब तक न हो गुरु की करुणा नज़र; पास बैठो तो आती है याद ए खुदा, ऐसे सतगुरु की सोहबत बड़ी चीज़ है  अपने मुर्शिद की उल्फत बड़ी चीज़ है . . .
Published 07/05/20
Published 07/05/20