Aaj bhi aam hain unke jalwe
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"मीरा के नैनों में कौन सा ममीरा था, कि नैन मूंद कर भी घनश्याम देख लेती थी।"
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Published 07/24/21
लाख पढ़ लो किताबें नहीं कुछ असर,जब तक न हो गुरु की करुणा नज़र; पास बैठो तो आती है याद ए खुदा, ऐसे सतगुरु की सोहबत बड़ी चीज़ है  अपने मुर्शिद की उल्फत बड़ी चीज़ है . . .
Published 07/05/20
Published 07/05/20