Significance of accomodation of ideological dissenters (वैचारिक विरोधियों से समझौतों का महत्व)
Listen now
Description
संविधान संवाद की दूसरी कड़ी भारतीय संविधान की सहमति- प्राप्त करने की कोशिशों पर केंद्रित है। जानिये कैसे भारतीय संविधान ने गैर-उदारवादी तत्वों को भी अपने उदारवादी दृष्टिकोण में जगह दी गई । आखिर संवैधानिक मामलों में समझौते इतने ज़रूरी क्यों हैं रीडिंग लिंक – Tarunabh Khaitan : Directive Principles and the Expressive Accommodation of Ideological Dissenters
More Episodes
संविधान संवाद का बारहवां एवं आखिरी एपिसोड “अधिकारों” पर केंद्रित है। लोकतंत्र में नागरिक अधिकार क्या हैं? नागरिक अधिकार क्यों ज़रूरी है? ये अधिकार कौन-कौन से हैं? इन अधिकारों का कार्यक्षेत्र क्या रहा है? अधिकारों के उत्थान में अदालतों का क्या योगदान रहा है?
Published 01/10/22
संविधान संवाद का ग्यारहवां एपिसोड “संघवाद” के सिद्धांत पर आधारित है। संघवाद क्या है? केंद्र-राज्यों के संबंध कैसे हैं? जम्मू कश्मीर एवं पूर्वोत्तर के राज्यों को संघवाद में किस तरह से रखा गया है इसकी पड़ताल करता यह वीडियो। रीडिंग लिंक – https://papers.ssrn.com/sol3/papers.c… पिछले सभी संवाद का...
Published 09/06/21