Description
सृजनात्मक क्षेत्र में जनरेटिव एआई (कृत्रिम बुद्धिमत्ता) के इस्तेमाल से विविध प्रकार की सम्भावनाएँ उपजी हैं और समय व संसाधनों की बचत के साथ, रचनात्मकता को नए आयाम दिए जा सकते हैं.
मगर, एआई का प्रयोग बढ़ने से रोज़गार सुरक्षा, बौद्धिक सम्पदा अधिकार और मानव अभिव्यक्ति की मौलिकता के लिए जोखिम भी पनप रहे हैं.
भारत के हैदराबाद शहर में मौलाना आज़ाद राष्ट्रीय उर्दू विश्वविद्यालय में अन्तरराष्ट्रीय मीडिया केन्द्र के निदेशक रिज़वान अहमद के अनुसार, एआई में निहित अपार सम्भावनाएँ निहित हैं, मगर टैक्नीशियन, कलाकार और लेखक इससे चिन्तित भी हैं.
रिज़वान अहमद ने हाल ही में फ़्रांस की राजधानी पेरिस में स्थित यूनेस्को मुख्यालय में, फ़िल्म क्षेत्र पर एआई के इस्तेमाल से उपजे प्रभावों पर एक उच्चस्तरीय चर्चा में शिरकत की.
उन्होंने यूएन न्यूज़ हिन्दी के साथ बातचीत में, एआई के इस्तेमाल में नियामन व्यवस्था सुनिश्चित किए जाने पर बल दिया.
इस साप्ताहिक बुलेटिन की सुर्ख़ियाँ...- दक्षिणी ग़ाज़ा के रफ़ाह में इसराइली सैन्य हमले के विरुद्ध, यूएन महासचिव ने किया आगाह- साढ़े छह लाख लोग रफ़ाह से हुए विस्थापित भोजन, स्वास्थ्य, आश्रय सेवाओं की विशाल क़िल्लत- वैश्विक आर्थिक स्थिति में हो रहा सुधार, मगर ऊँची ब्याज़ दर, कर्ज़ समेत अन्य...
Published 05/17/24
इस साप्ताहिक बुलेटिन की सुर्ख़ियाँ...
संयुक्त राष्ट्र में फ़लस्तीन की पूर्ण सदस्यता के लिए, यूएन महासभा में प्रस्ताव भारी मतों से पारित, सुरक्षा परिषद से पुनर्विचार करने का आग्रह
ग़ाजा के रफ़ाह शहर में इसराइली बमबारी जारी और सैन्य हमले की तैयारी, हज़ारों फ़लस्तीनी फिर हुए विस्थापित
अमेरिकी...
Published 05/10/24