चचाजान की लव मैरिज | स्टोरीबॉक्स | EP 66
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Description
ये उन दिनों की बात है कि जब चचा जान अलीगढ़ यूनिवर्सिटी में पढ़ते थे और उन दिनों गेट नम्बर दो पर एक पीसीओ होता था। पीसीओ के मालिक रमज़ानी भाई से चचा की दोस्ती थी। दिनभर चाय का दौर चलता रहता। लेकिन उन दिनों फोन पर किसी को बुला देना का बड़ी रवायत थी। फोन आता है कि भई फलां बोल रहे हैं, फलां को बुला दीजिए। दिन भर मोहल्लेदारी में किसी न किसी को बुलाना होता था... पर फोन जब आता था तो मैं और रमज़ानी भाई का चेहरा खिल जाता था। ये कॉल था किसी आबिदा का होता था, जो कहती थीं कि हाजी साहब की बेटी रुकसाना को बुलाने के लिए कहती थीं। रुकसाना को बुलाने के लिए चचा नंगे पाँव दौड़ जाते थे। पर उन्हें नहीं पता था कि इस राह में एक बहुत बड़ा खतरा उनका इंतज़ार कर रहा है। - सुनिए कहानी 'चचाजान की लव मैरिज' स्टोरीबॉक्स में जमशेद कमर सिद्दीक़ी से.
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घर के पीछे वाले कमरे के एक कोने में रखी उस पुरानी अलमारी में कौन से राज़ छुपे थे जो अंतरा की मम्मी उसके सामने नहीं आने देना चाहती थीं? अंतरा के पापा की मौत के बाद ज़िंदगी को दोबारा शुरु करने में अंतरा को कौन से डर घेरे रखे थे. सुनिए जमशेद कमर सिद्दीक़ी से स्टोरीबॉक्स में कहानी 'घर की अलमारी'. ...
Published 06/16/24
जलील भाई के दादा को किसी ज़माने में वायसरॉय साहब ने अपने बंग्ले से उतार कर पंखा दिया था और वही पंखा जलील भाई की डेंटल क्लीनिक पर आजतक लटका हुआ है. पर इस पंखे ने कैसे बिगाड़ दी जलील भाई की प्रेम कहानी - सुनिए जमशेद क़मर सिद्दीक़ी से स्टोरीबॉक्स में
Published 06/09/24