Abr
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Description
जिस्म तेरा एक अब्र सा, छू लू तो सब धुआँ जिस्म तेरा एक आग सा, ना छूऊ तो भी धुआँ | धुए में इत्र सी महकती तू, गर बुझा दू तुझे तो खैर मेरी | एक क़यामत होगी रू-ब-रू, गर फिर से जल गयी आह तेरी |
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Published 08/29/23
Published 07/28/23
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