Inteha Ho Gayi Intezaar Ki
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ला ला उ ला ला उ ला ला ला ला ला, ला ला ला ला ला ला ला ला ला ला ला ला, हम्म हम्म हम्म इन्तहा हो गई इंतज़ार की आई ना कुछ खबर, मेरे यार की ये हमें है यक़ी, बेवफा वो नहीं फिर वजह क्या हुई, इंतज़ार की इन्तहा हो गई इंतज़ार की आई ना कुछ खबर, मेरे यार की ये हमें है यक़ी, बेवफा वो नहीं फिर वजह क्या हुई, इंतज़ार की हम्म, बात जो है उसमें बात वो यहाँ कहीं नहीं किसी में, हाय वो है मेरी, बस है मेरी शोर है यही गली गली में साथ साथ वो है मेरे गम में मेरे दिल की हर खुशी में, हाय ज़िन्दगी में वो नहीं तो कुछ नहीं है मेरी ज़िंदगी में बुझ न जाए ये शमा, ऐतबार की इम्तेहां हो गई इंतज़ार की, हाय आई ना कुछ खबर, मेरे यार की ये हमें है यक़ी, बेवफा वो नहीं फिर वजह क्या हुई, इंतज़ार की ओ, मेरे सजना, लो मैं आ गई ओ, मेरे सजना, लो मैं आ गई ओ, लोगों ने तो दिए होंगे, बड़े बड़े नज़राने लाई हूँ मैं तेरे लिए दिल मेरा दिल यही माँगे दुआ हम कभी हो न जुदा मेरा है मेरा ही रहे दिल तेरा ये मेरी, ज़िन्दगी है तेरी ये मेरी, ज़िन्दगी है तेरी तू मेरा सपना, मैं तुझे पा गई ओ मेरे सजना, लो मैं आ गई ग़म के अंधेरे ढले, बुझते सितारे जले देखा तुझे तो दिलों में जान आई होठों पे तराने जगे, अरमां दीवाने जगे बाहों में आके तू ऐसे शर्मायी छा गई फिर वही बेखुदी छा गई. फिर वही बेखुदी ला, ला ला ला ला ला ला ला ला ला ला, ला ला ला ला ला ला ला ला ला ला, ला ला ला ला ला ला ला ला ला ला, ला ला ला ला ला ला ला ला ला ला, ला ला ला ला ला ला ला ला ला ला ला ला ला ला ला ला ला ला ला ला ला ला ला ला ला ला ला वो घड़ी खो गई, इंतज़ार की हा आ गई रुत हसीं, वस्ल-ए-यार की ये नशा, ये खुशी, अब ना कम हो कभी उम्र भर ना ढले, रात प्यार की हा रात प्यार की हा रात प्यार की --- This episode is sponsored by · Anchor: The easiest way to make a podcast. https://anchor.fm/app --- Send in a voice message: https://anchor.fm/theabbie/message Support this podcast: https://anchor.fm/theabbie/support
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तू जहाँ जहाँ चलेगा, मेरा साया, साथ होगा तू जहाँ जहाँ चलेगा, मेरा साया, साथ होगा मेरा साया, मेरा साया मेरा साया, मेरा साया कभी मुझको याद करके, जो बहेंगे तेरे आँसू कभी मुझको याद करके, जो बहेंगे तेरे आँसू तो वहीं पे रोक लेंगे, उन्हें आके मेरे आँसू तू जिधर का रुख करेगा, मेरा साया, साथ होगा तू जहाँ...
Published 04/06/20
Published 04/06/20
हुई शाम उनका ख़याल आ गया वही ज़िंदगी का सवाल आ गया अभी तक तो होंठों पे था तबस्सुम का एक सिलसिला बहुत शादमाँ थे हम उनको भूला कर अचानक ये क्या हो गया के चहरे पे रंग-ए-मलाल आ गया हुई शाम उनका... हमें तो यही था ग़ुरूर: ग़म-ए-यार है हमसे दूर वही ग़म जिसे हमने किस-किस जतन से निकाला था इस दिल से दूर वो चलकर...
Published 04/06/20