Description
जवानी जान-ए-मन हसीन दिलरुबा
मिले तो दिल जवाँ निसार हो गया
जवानी जान-ए-मन हसीन दिलरुबा
मिले तो दिल जवाँ निसार हो गया
शिकारी ख़ुद यहाँ, शिकार हो गया
ये क्या सितम हुआ, ये क्या ज़ुलम हुआ
ये क्या ग़ज़ब हुआ, ये कैसे कब हुआ
न जानूँ मैं, न जाने वो
आ हा!
जवानी जान-ए-मन हसीन दिलरुबा
मिले तो दिल जवाँ निसार हो गया
आई, आई दूर से देखो, देखो
दिलरुबा ऐसी, ऐसी तिरू-तिरू-तिरू-ति
खाई, खाई बेज़ुबाँ दिल ने, दिल ने चोट ये कैसी
अरे वो, आ हा, मिली नज़र
अरे ये, आ हा, हुआ असर
नज़र-नज़र में ये समाँ बदल गया
चलाया तीर जो मुझी पे चल गया
ग़ज़ब हुआ ये क्या हुआ, ये कब हुआ
न जानूँ मैं, न जाने वो
ओ हो!
जवानी जान-ए-मन हसीन दिलरुबा
मिले तो दिल जवाँ निसार हो गया
शिकारी ख़ुद यहाँ शिकार हो गया
ये क्या सितम हुआ, ये क्या ज़ुलम हुआ
ये क्या ग़ज़ब हुआ, ये कैसे कब हुआ
न जानूँ मैं, न जाने वो
ओ हो, ओ!
दिल ये, दिल ये प्यार में…
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तू जहाँ जहाँ चलेगा,
मेरा साया, साथ होगा
तू जहाँ जहाँ चलेगा,
मेरा साया, साथ होगा
मेरा साया, मेरा साया
मेरा साया, मेरा साया
कभी मुझको याद करके, जो
बहेंगे तेरे आँसू
कभी मुझको याद करके, जो
बहेंगे तेरे आँसू
तो वहीं पे रोक लेंगे,
उन्हें आके मेरे आँसू
तू जिधर का रुख करेगा,
मेरा साया, साथ होगा
तू जहाँ...
Published 04/06/20
हुई शाम उनका ख़याल आ गया
वही ज़िंदगी का सवाल आ गया
अभी तक तो होंठों पे था
तबस्सुम का एक सिलसिला
बहुत शादमाँ थे हम उनको भूला कर
अचानक ये क्या हो गया
के चहरे पे रंग-ए-मलाल आ गया
हुई शाम उनका...
हमें तो यही था ग़ुरूर:
ग़म-ए-यार है हमसे दूर
वही ग़म जिसे हमने किस-किस जतन से
निकाला था इस दिल से दूर
वो चलकर...
Published 04/06/20