कैसे बने माता के 51 शक्तिपीठ?
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प्रजापति दक्ष के महायज्ञ में ऐसा क्या हुआ की महादेव के तीसरे नेत्र से उतपन्न वीरभद्र ने दक्ष का सिर धढ़ से अलग कर दिया। आख़िर शिव सती के शव को लेकर क्यों लोक-परलोक भटके और किन कारणों से भगवान विष्णु को माता सती के शव के 51 भाग करने पड़े? इस एपिसोड में सुने की जनकल्याण के लिए बने इन 51 शक्तिपीठों की स्थापना कैसे हुई और अंत में पर्वतराज हिमालय की पुत्री आदि शक्ति स्वरूपा पार्वती के साथ महादेव ने विवाह कर सृष्टि का कल्याण किया साथ ही जानिए की आज भी महादेव कहाँ पर अपना गृहस्थ जीवन बिता रहे हैं।
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Published 02/16/24
51 शक्तिपीठों की ये यात्रा आप सबके साथ बहुत ही सुंदर रही, इस पॉडकास्ट के अंतिम एपिसोड में हम चल रहे हैं माता के अंतिम धाम क्योंकि इस स्थान का न कोई आदि है न अंत है. वो अनंता यहां अनंत तक के अपने पूर्ण वास में है. उत्तर प्रदेश की राजधानी से 286 km और लगभग 6 घंटे की दूरी पर और प्रयागराज से 83 km...
Published 02/16/24
माता सती का यशोरेश्वरी शक्तिपीठ का अर्थ है जैसोर की देवी, पहले ये पूरा स्थान जैसोर के नाम से ही जाना जाता था, किंतु अब एक जिले तक सिमट कर रह गया है. यहां के स्थानीय हिंदू लोगों की ये कुल देवी है. यहां की शक्ति है मां यशोरेश्वरि और भैरव को चंद्र के नाम से पूजा जाता है. मान्यता है की इस स्थान पर...
Published 02/15/24