श्री सप्तश्रृंगी देवी - नासिक, महराष्ट्र
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नासिक में सप्तशृंगी पहाड़ियों से घिरा हुआ वो पवित्र स्थान जहां दुर्गा सप्तशती कही गई और जहां महिषासुर राक्षस के विनाश के लिए सभी देवी-देवताओं ने मां की आराधना की थी तभी देवी मां 18 भुजाओ वाली सप्तश्रृंगी अवतार में प्रकट हुईं। आज दर्शन करेंगे पवित्रतम स्थान के जहां माता के परम भक्त मार्कण्डेय ऋषि का आश्रम था। जिन्होंने ब्रह्मा जी के साथ इसी स्थान पर सप्तशती कही। आपने हमेशा सुना होगा की देवी की अष्ट भुजाएं है इसलिए उन्हें अष्टभुजी कहा जाता है। यहां दर्शन करेंगे विश्व भर में एक मात्र स्वयं भू 18 भुजी देवी के। यहाँ की शक्ति हैं भ्रामरी और भैरव विकृताक्ष हैं। मान्यताओं के अनुसार इस स्थान पर देवी मां की ठुड़डी यानी chin का नीपात हुआ था।
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Published 02/16/24
51 शक्तिपीठों की ये यात्रा आप सबके साथ बहुत ही सुंदर रही, इस पॉडकास्ट के अंतिम एपिसोड में हम चल रहे हैं माता के अंतिम धाम क्योंकि इस स्थान का न कोई आदि है न अंत है. वो अनंता यहां अनंत तक के अपने पूर्ण वास में है. उत्तर प्रदेश की राजधानी से 286 km और लगभग 6 घंटे की दूरी पर और प्रयागराज से 83 km...
Published 02/16/24
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Published 02/15/24