भगवान का आशीर्वाद: 'जो मुझ तक आना चाहता है, स्वयं मैं ही उसका सहारा बनता, उसका हाथ पकड़ लेता हूँ।'
Listen now
Description
भगवान ने हमें बताया- "सही अर्थों में सचमुच ही सच्ची भावना ले कर मुझ तक आने की आकाँक्षा तुम्हारे मन में जाग गई तो सच्ची भावना का रूप, वह किसी भी रूप में हो, मुझसे दूर नहीं रहता; और उस रूप में जो मुझ तक आना चाहता है, स्वयं मैं ही उसका सहारा बनता, उसका हाथ पकड़ लेता हूँ।"
More Episodes
धर्म, जीवन के साथ जा कर हर जन्म का नया रूप बनता है , धन जीवन के साथ ही नष्ट हो जाता है ।
Published 01/16/22
असाधारण ही होता है वह युग, जिस युग में परमपिता परमात्मा धरा पर धर्म संस्थापन के लिए अवतरित होते हैं । आज हम आप बहुत भाग्यशाली हैं, जो अपने जन्मों-जन्मों के पुण्यों के संचय के कारण, आज परमात्मा की पहचान हुई है, उनका मार्गदर्शन मिल रहा है, उनकी निकटता मिली है और उनकी सेवा करने का अवसर मिला है ।...
Published 07/20/21