Description
Shri Mahavir Panch Kalyanak Puja श्री महावीर पंचकल्याणक पूजा ★
मोहि राखो हो सरना, श्रीवर्धमान जिनरायजी , मोहि राखो हो सरना
गरभ साढ़ सिट छटलियो थिति, त्रिशला उर अघ-हरना |
सुर सुरपति तित सेव करें नित, मैं पूजों भव-तरना ||
मोहि राखो हो सरना
ॐ ह्रीं आषाढ़शुक्लषष्ठयां गर्भकल्याणप्रप्ताय श्रीवर्धमानजिनेन्द्राय अर्घ्यं निर्वपामीति स्वाहा ।
जनम चैत सित तेरस के दिन, कुंडलपुर कन-वरना |
सुरगिरी सुरगुरु पूज रचायो, मैं पूजों भव हरना ||
मोहि राखो हो सरना
ॐ ह्रीं चैत्रशुक्लत्रयोदश्यां जन्मकल्याणप्रप्ताय श्रीवर्धमानजिनेन्द्राय अर्घ्यं निर्वपामीति स्वाहा ।
मगसिर असित मनोहर दशमी, ता दिन तप आरचना|
नृप-कुमार घर पारन कीनों, मैं पूजों तुम चरना ||
मोहि राखो हो सरना
ॐ ह्रीं मार्गशीर्षकृष्णदशम्यां तप:कल्याणप्रप्ताय श्रीवर्धमानजिनेन्द्राय अर्घ्यं निर्वपामीति स्वाहा ।
शुकल दशैं वैशाख दिवस अरि, घाति चतुक छय करना |
केवल लहि भवि भव-सर तारे, जजों चरन सुख भरना ||
मोहि राखो हो सरना
ॐ ह्रीं वैशाखशुक्लदशम्यां ज्ञानकल्याणप्राप्ताय श्रीवर्धमानजिनेन्द्राय अर्घ्यं निर्वपामीति स्वाहा ।
कार्तिक श्याम अमावस शिव-तिय, पावापुर तैं वरना |
गण-फनि-वृन्द जजैं तति बहुविधि, मैं पूजौं भय-हरना ||
मोहि राखो हो सरना
ॐ ह्रीं कार्तिककृष्णामावस्यायां मोक्षकल्याणप्राप्ताय जिनेन्द्राय अर्घ्यं निर्वपामीति स्वाहा ।