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प्रभु जी तुम चंदन हम पानी
Published 10/13/21
सह ली कितनी यातना कर्तव्य सर्वोपरि रखा त्याग, शील, संकल्प को जिस तरह जीवित रखा.. बोलो कहाँ तक टिक सकोगे ? यदि राम सा संघर्ष हो.. कल मुकुट जिस पर साजना था अब उसे सबकुछ त्यागना था.. निर्णयों के द्वन्द से, एक बालपन का सामना था.. वचन भी था थामना, आदेश भी था मानना.. तब इस तरह सोचो स्वयं को धर्म पर तुम रख सकोगे ? बोलो,कहाँ तक टिक सकोगे ? यदि राम सा संघर्ष हो.. प्रजा तो बस राम की थी दुनिया उसे तो जप रही थी.. वचन ही था तोड़ देता धर्म ही था छोड़ देता.. पर पीढ़िया क्या सीख लेंगी.. राम की चिंता यही...
Published 08/27/21
एक कविता और एक चिंतन साभार!
Published 03/11/21
कभी ऐसी बात नहीं बोलनी चाहिए जो खुद को ही कष्ट देती हो।
Published 01/06/21
कुछ बातें ऐसी होती ही हैं जो मन को झकझोर कर रख देती हैं........
Published 01/02/21
आप क्या बनें यह आप पर निर्भर करता है।
Published 12/31/20
Published 12/29/20
Andhon ka Hathi ek kahani jo hamen ye batati hai kee kisi baat ko bina pura jane bahas nahi karana Chahiye.
Published 12/28/20
छोटी-छोटी कहानियाँ जो आप को मनोरंजन के साथ ही प्रेरणा भी दे सकें।
Published 12/27/20
प्रेरणादायी छोटी-छोटी कहानियाँ जो आप को मनोरंजन के साथ ही प्रेरणा भी दे सकें।
Published 12/27/20