Episodes
Published 08/05/23
For any queries regarding this video, please comment below Visit for more: https://shrimadbhagwadmahapuran.blogspot.com/?m=1 Detailed description of Shrimad Bhagwad Puran, same as described in Hindu granths. ღ¸.✻´`✻.¸¸ღd¡g¡т¡z¡หg puяคหღ¸.✻´`✻.¸¸ღ ▂ ▃ ▄ ▅ ▆ ▇ █ █ ▇ ▆ ▅ ▄ ▃ ▂ ♡゚・。。・゚♡゚・。♥。・゚♥ ❤❤❤🙏🙏DIGITIZING PURAN 🙏🙏🙏❤❤❤ ♥゚・。♥。・゚♡゚・。。・゚♡ ▂ ▃ ▄ ▅ ▆ ▇ █ █ ▇ ▆ ▅ ▄ ▃ ▂ Visit for more: https://allshrimadbhagwadpuran.wordpress.com/ Also visit for detailed description of...
Published 06/12/21
Visit for more: https://shrimadbhagwadmahapuran.blogspot.com/?m=1 Detailed description of Shrimad Bhagwad Puran, same as described in Hindu granths. ღ¸.✻´`✻.¸¸ღd¡g¡т¡z¡หg puяคหღ¸.✻´`✻.¸¸ღ ▂ ▃ ▄ ▅ ▆ ▇ █ █ ▇ ▆ ▅ ▄ ▃ ▂ ♡゚・。。・゚♡゚・。♥。・゚♥ ❤❤❤🙏🙏DIGITIZING PURAN 🙏🙏🙏❤❤❤ ♥゚・。♥。・゚♡゚・。。・゚♡ ▂ ▃ ▄ ▅ ▆ ▇ █ █ ▇ ▆ ▅ ▄ ▃ ▂ Visit for more: https://allshrimadbhagwadpuran.wordpress.com/ Also visit for detailed description of puran: https://shrimadbhagwadmahapuran.blogspot.com/?m=1 Follow our facebook...
Published 04/02/21
श्रीमद भागवद पुराण चौदहवां अध्याय [स्कंध ५] (भवावटी की प्रकृति अर्थ वर्णन) दो०-रूपक धरि कहि जड़ भरत, राजा दियौ समझाय। भिन्न भिन्न कर सब कहयौ, चौदहवें अध्याय ।। श्री शुकदेव जी बोले-हे राजा परीक्षत ! जब जड़ भरत ने राजा रहूगण को इस प्रकार एक रूपक सुनाकर ज्ञान दिया तो, हाथ जोड़कर राजा रहूगण विनय बचन कह जड़ भरत से बोला- --महाराज ! आपके इस कथन को सुनकर मुझे बड़ा आश्चर्य हुआ कि वह बंजारा समूह इतना बलिष्ठ होकर भी जिसके पास धन आदि सब कुछ है फिर चोरों से लुटता है और सबके सब मार्ग भूल बन में भटकते...
Published 04/01/21
Ved vani ACHARYAKULAM
Published 01/04/21
पूजा के ३ आयाम। सात लोकों के नाम। पाताल के ७ लोक। प्रभू के ७ लोक।
Published 12/24/20
श्रीमद भागवद  पुराण * दसवां अध्याय* [स्कंध २] (श्री शुकदेवजी द्वारा भागवतारम्भ) दोहा-किये परीक्षत प्रश्न जो उत्तर शुक दिये ताय । सो दसवें अध्याय में बरयों गाथा गाय ।। ।।स्कंध २ का आखिरी अध्याय।।  हरि देह निर्माण  श्री शुकदेवजी बोले-हे परीक्षत! इस महापुराण श्रीद्भागवत में दश लक्षण हैं सो इस प्रकार कहे हैं-सर्ग, विसर्ग, स्थान, पोषण, अति, मन्वन्तर, ईशानु कथा, निरोध, मुक्ति, और आश्रय। अब सर्गादिकों के प्रत्येक का लक्षण कहते हैं-हे राजन् ! पृथ्वी, जल, वायु आकाश में पंच महाभूत और...
Published 12/22/20